भारत में ट्रेन की सफर करने पर यात्रियों के आने-जाने पर तो पूर्णता ध्यान दिया जाता है मगर उनके सामानों पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता है। यहां तक कि कई बार यह भी हो जाता है कि प्रति व्यक्ति 4-5 बड़े बैग ट्रेनों में आ जाया करते हैं। उसका खामियाजा यह होता है कि। जगह कम पड़ जाती है और सब कुछ अव्यवस्थित हो जाएगा करता है। यहां तक कि भारतीय रेलवे को भी आप कितना सामान लेकर आ रहे है इससे कोई मतलब नहीं होता है। लेकिन अब आपको ट्रेन में सफर करते वक्त अपने सामान को पहले ही नापतोल कर लाना पड़ेगा वरना हो सकता है कि एक दायरे से ज्यादा आपका सामान होगा तो उसके बदले में आपको जुर्माना देना होगा।
जैसे विमानों में सामानों का दायरा तय है वैसे ही तेजस एक्सप्रेस से इस कानून की शुरुआत हुई। निजी कंपनी द्वारा मुंबई अहमदाबाद में चलने वाली तेजस एक्सप्रेस से सामान के भार का कानून दोबारा से लागू किया जा रहा है। कंपनी ने फैसला किया है कि इस एक्सप्रेस में यात्रियों को सिर्फ नियमों के तहत ही सामान ले जाने की इजाजत होगी मान्य भार से ज्यादा सामान ले जाने पर यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा । अधिकारियों का कहना है कि तेजस एक्सप्रेस ने रेल के मौजूदा कानून को कड़ाई से लागू करने का फैसला किया है। निजी ट्रेन कोई नया नियम नहीं ला रही है। सिर्फ मौजूदा नियमों को ही सख्ती से लागू कर रही है। भारतीय रेलवे के कानून के तहत किसी एक्सक्यूटिव चेयर कार में अधिक से अधिक 70 किलो सामान ले जाने की अनुमति है। इसी तरह सामान्य चेयर कार में कोई यात्री सिर्फ 40 किलो सामान अपने साथ लेकर यात्रा में जा सकता है। यात्री सामान का भार इससे ज्यादा हुआ तो जुर्माने का भी प्रावधान है। रेल अधिकारियों का कहना है कि यह नियम पहले से ही भारतीय रेल सेवा में मौजूद है। लेकिन अभी भी इस नियम को कभी सख्ती से लागू नहीं किया जा सका है।
