तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) ने करोड़ों रुपये के लोन ऐप के जरिये कर्ज घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए 75 बैंक खातों में जमा 423 करोड़ रुपये जब्त कर लिए हैं. ये कर्जदाता ऋण की रकम पर 35 फीसदी तक ब्याज वसूल रहे थे. यह कर्ज 30 मोबाइल ऐप (Loan app Scam) के जरिये कर्ज बांटा जा रहा था और इन ऐप संचालकों ने रिजर्व बैंक (RBI) से कोई मंजूरी नहीं ली थी. आरबीआई ने भी बिना मंजूरी लोन बांटने वाली ऐसी कंपनियों से लोगों को सावधान रहने को कहा है. इस फर्जीवाड़े के लिए गुरुग्राम (Gurugram) और हैदराबाद में बनाए गए कॉल सेंटर बनाए गए थे.
कर्ज न चुका पाने पर उधार देने वालों के उत्पीड़न और यातनाओं से परेशान होकर 3 लोगों द्वारा आत्महत्या कर लेने के बाद तेलंगाना पुलिस को अलर्ट किया गया था. इसके बाद हैदराबाद (Hyderabad) और गुरुग्राम (Gurugram) में छापेमारी की गई. पुलिस एजेंसियों ने हरियाणा के गुरुग्राम और हैदराबाद में कई स्थानों पर छापेमारी कर 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. घोटाले (Multi-crore money lending scam) के तहत खुलासा हुआ कि ऐप के जरिये कर्ज देने के लिए 3 कॉल सेंटर में करीब एक हजार लोगों को नौकरी पर रखा गया था. इसमें ज्यादातर कॉलेज ग्रेजुएट (College Graduate) थे
साइबराबाद पुलिस (Cyberabad Police) ने स्वतंत्र जांच शुरू कर सात लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें अमेरिका से इंजीनियर डिग्री लेकर लौटा एक युवक शामिल है. 32 साल का शरत चंद्र दो कंपनियों ओनियन क्रेडिट प्रा.लि. और क्रेड फॉख्स टेक्नोलॉजीस के जरिये कर्ज बांटने का यह कारोबार चलाता था. ऐप के जरिये कर्ज देने का यह कारोबार 2018-19 से शुरू हुआ. शरत चंद्र लोन देने वाले ऐसे ऐप बनाकर बेंगलुरु में कई कंपनियों को बेचता भी थी.