प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमित फसलों के प्रीमियम में किसानों के हिस्से के प्रीमियम में सरकार बदलाव नहीं करेगी। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी।
इस योजना के तहत किसानों को उनकी फसलों के लिये प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बहुत ही कम प्रीमियम पर व्यापक फसल बीमा उपलब्ध कराया जाता है। किसानों को खरीफ फसलों के लिये दो फीसदी और रबी फसलों के लिये 1.5 फीसदी प्रीमियम चुकाना होता है। इसके अलावा बागवानी और नकदी फसलों (कैश क्रैप) के लिये पांच फीसदी की प्रीमियम दर पर बुवाई के पहले से लेकर फसल कटाई के बाद तक के लिए फसल बीमा कवर मिलता है।
एक कृषि सम्मेलन में पीएमएफबीवाई के मुख्य कार्याधिकारी और कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव आशीष के भूटानी ने कहा, ”किसानों के प्रीमियम में बदलाव की बात सही नहीं है। फसल बीमा योजना के तहत किसानों के प्रीमियम हिस्से में बदलाव किसी भी परिस्थिति में बदलने वाला नहीं है।’ भूटानी ने स्पष्ट किया कि न तो किसानों का प्रीमियम बदला गया है और न ही भविष्य में इसे समाप्त किया जाएगा।
किसानों को भुगतान दावों के निस्तारण में देरी संबंधी आलोचनाओं के बारे में अधिकारी ने कहा कि यह मुख्य रूप से तीन कारणों से होता है। उन्होंने कहा, ”इस देर का कारण या तो राज्य सब्सिडी का समय पर नहीं आना होता है जो देरी से भुगतान किये जाने का सबसे बड़ा कारण है। दूसरा बीमा कंपनियों को फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) आंकड़ों को देने में होने वाली देरी है और तीसरा कारण राज्यों के द्वारा संग्रहित सीसीई आंकड़ों पर कंपनियों द्वारा उठाया गया विवाद है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रीमियम में नही होगा कोई बदलाव
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