मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट इक्विटी फंड 240 करोड़ रुपये का निवेश डायग्नोस्टिक सेवा कंपनी मोलबायो में कर रहा है, जिसने एक ऐसे डायग्नोस्टिक टेस्ट का विकास और वाणिज्यिकरण किया है जो 11 संक्रामक बीमारियों की जांच कर सकता है। 43 बीमारियों की जांच पर काम चल रहा है, जिसमें कोरोनावायरस शामिल है। मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट इक्विटी की तरफ से प्रबंधित इंडिया बिजनेस एक्सिलेंस फंड-3 गोवा की शोध आधारित डायग्नोस्टिक कंपनी मोलबायो में निवेश कर रहा है। अपनी सहायक बिगटेक लैब्स के साथ मोलबायो ने ट्रूनैट नामक जांच का विकास व वाणिज्यिकरण किया है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया का पहला मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स प्लेटफॉर्म है जो पीसीआर तकनीक का इस्तेमाल करता है।
कंपनी का दावा है कि ट्रूनैट 22 संक्रामक बीमारियों की जांच कर सकता है, जिसमें टीबी, एच1एन1, डेंगू, एचआईवी, हेपेटाइटिस आदि शामिल है। साथ ही कंपनी अतिरिक्त 43 बीमारियों की जांच पर काम कर रही है, जिसमें कोरोनावायरस शामिल है। ट्रूनैट 60 मिनट में नतीजे देता है और यह जेब पर भारी नहीं है। यह उपकरण बैटरी से परिचालित होता है और बुनियादी ढांचे में विस्तार किए बिना कई केंद्रों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। देसी तकनीक को भारतीय चिकित्सा शोध परिषद ने साल 2018 में मंजूरी दी थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डब्ल्यूएचओ ने कई देशों में अध्ययन के बाद जनवरी 2020 में ट्रूनैट को टीबी की जांच में कारगर बताया।