केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में उसके तय अनुमान से कहीं आगे निकल सकता है. वर्ष के दौरान राज्यों तथा केंद्र का कुल राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 13 प्रतिशत को छू सकता है. एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, इस साल बाजार मूल्य पर आधारित जीडीपी के वित्त वर्ष 2018-19 के स्तर से नीचे रहने के अनुमान हैं.रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘मौजदा रुझानों को देखते हुये हमें केंद्र और राज्यों के राजकोषीय घाटे के चालू रुझानों से इसके जीडीपी के 13 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान लगा रहे हैं.”
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राजकोषीय घाटा (व्यय और राजस्व के बीच का अंतर) अप्रैल से अगस्त के दौरान 8,70,347 करोड़ रुपये यानी बजट में अनुमानित वार्षिक लक्ष्य के 109.3 प्रतिशत पर पहुंच गया.रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इन आंकड़ों को देखते हुए कि राजकोषीय घाटा अगस्त तक पहले ही 8.7 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान के 109.3 प्रतिशत पर पहुंच गया है, सरकार को 12 लाख करोड़ रुपये के नये उधारी लक्ष्य पर टिके रहने केलिये खर्च में बड़ी कटौती करने की आवश्यकता होगी, जो आर्थिक वृद्धि के लिये नकारात्मक होगा.”